प्रदेश के इन 5 शिक्षकों ने मध्य प्रदेश के दमोह में राष्ट्रीय कार्यशाला में दी लोक संस्कृति की प्रस्तुति

नई दिल्ली स्थित भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में 10 राज्यों के 65 शिक्षकों ने भाग लिया और अपने-अपने राज्यों की लोक संस्कृति को प्रस्तुत किया। 

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नाहन : हिमाचल प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति और शैक्षणिक विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के दमोह स्थित सी.सी.आर.टी. केंद्र में 10 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

नई दिल्ली स्थित भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में 10 राज्यों के 65 शिक्षकों ने भाग लिया और अपने-अपने राज्यों की लोक संस्कृति को प्रस्तुत किया।

बता दें कि जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल की नैनाटिक्कर पंचायत के मझाडी गांव के निवासी एवं राजकीय माध्यमिक पाठशाला गटोगड़ा के टी.जी.टी. संस्कृत शिक्षक गौरव ने चार अन्य अध्यापकों में अमरजीत कंडा स्कूल,  चंद्र प्रकाश पंजपीपलू, कमलाकांत बंगोरा व खेमचंद चांदपुर स्कूल ने हिमाचल प्रदेश की लोक संस्कृति को प्रस्तुत किया।

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गौरव ने बताया कि हिमाचल की लोक संस्कृति विश्व पटल पर अत्यधिक प्रसिद्धि तभी पा सकती है, जब हम उसको विभिन्न मंचों पर देश और विदेशों में प्रस्तुत करेंगे। इस कार्यशाला में उनकी टीम द्वारा लोक नृत्य और हिमाचली नाटी प्रस्तुत की गई, जिसे देश भर से आए शिक्षकों ने सराहा।