स्वास्थ्य विभाग ने पुष्कर फार्मा में लगाया एनजीटी कैंप, 105 कामगारों का हेल्थ चेकअप

स्वास्थ्य शिक्षिका कृष्णा राठौर ने एचआईवी एड्स विषय पर एक विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया। उन्होंने उपस्थित कामगारों को विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ये रोग मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त चढ़ाने, उपयोग की गई संक्रमित सीरिंज और संक्रमित गर्भवती माता से उसके होने वाले शिशु को हो सकता है।

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नाहन : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग खंड धगेड़ा की ओर से औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब स्थित पुष्कर फार्मा भंडारी वाला में गुरुवार को एनजीटी कैंप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी डॉ. काम्या गुप्ता ने की।

विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों में होने वाले जल जनित और वायु जनित रोगों के निदान और बचाव को लेकर इस कैंप को आयोजित किया गया था। इस दौरान संस्थान में कार्यरत सभी कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की गई।

कैंप में 105 लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया, जिनमें से कई कर्मचारियों में रक्तचाप (बीपी), शुगर और खून की कमी की शिकायत पाई गई। मौके पर ही जरूरतमंदों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुफ्त दवाइयां वितरित की गईं।

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स्वास्थ्य शिक्षिका कृष्णा राठौर ने एचआईवी एड्स विषय पर एक विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया। उन्होंने उपस्थित कामगारों को विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ये रोग मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त चढ़ाने, उपयोग की गई संक्रमित सीरिंज और संक्रमित गर्भवती माता से उसके होने वाले शिशु को हो सकता है।

बचाव के उपायों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के प्रति ईमानदार रहना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि यदि कभी रक्त की आवश्यकता पड़े, तो हमेशा यह सुनिश्चित करें कि वह एचआईवी और हेपेटाइटिस बी नेगेटिव हो। इसके अतिरिक्त उन्होंने गर्भावस्था के दौरान एचआईवी जांच को अति आवश्यक बताया, ताकि समय पर पता चलने पर शिशु को संक्रमण से सुरक्षित रखा जा सके।

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राठौर ने समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करते हुए स्पष्ट किया कि एचआईवी एक साथ बैठकर खाना खाने, हाथ मिलाने, एक ही तौलिया या बाथरूम का इस्तेमाल करने और मच्छर के काटने से नहीं फैलता है।

उन्होंने अपील की कि एचआईवी पॉजिटिव लोगों से घृणा करने के बजाय उनके साथ सद्भावपूर्ण व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि एक सामान्य नागरिक की तरह उनके अधिकार भी सुरक्षित हैं। उचित डॉक्टरी सलाह और नियमित दवाओं के सेवन से संक्रमित व्यक्ति भी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम में डॉ. सौरभ मिन्हास, डॉ. अंजू पुंडीर, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी स्मृति चौहान, नीना कुमारी, अलीशा कुमारी, मधुबाला और अंजू देवी मौजूद रहीं। साथ ही ममता फाउंडेशन से मोहित, नरेश कुमार और राजाराम ने भी कार्यक्रम के सफल संचालन में सहयोग दिया।

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