नाहन : डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज की जनरल OPD जल्द PG कॉलेज के पुराने भवन में शिफ्ट होगी। जल्द ये बदलाव होने जा रहा है। इससे न केवल कई समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि मरीजों के लिए इस भवन तक पहुंच बेहद आसान हो जाएगी।
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ऐतिहासिक चौगान के सामने इस भवन का इस्तेमाल लंबे समय से मेडिकल कॉलेज प्रशासन ही कर रहा है। विधायक अजय सोलंकी इसका शुभारंभ करेंगे। लोगों की मांग के बाद इसे शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है।
इस कदम से मेडिकल कॉलेज में आने वाले हजारों मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। शुरुआती चरण में इस OPD में दो से तीन डॉक्टर बैठेंगे, जिनके साथ अंतिम वर्ष के इंटर्न भी होंगे।
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दरअसल, मेडिकल कॉलेज में सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी जैसे आम रोगों से पीड़ित मरीजों को भारी भीड़ के बीच समस्या से दो-चार होना पड़ता है। पहले ही मेडिकल कॉलेज की ओपीडी के बाहर जगह काफी तंग है। साथ ही बैठने की व्यवस्था भी सभी मरीजों के लिए नहीं है।
इससे यहां घुटन जैसी दिक्कतें मरीजों को अक्सर पेश आती हैं। यहां पर प्रतिदिन 1000 से 1300 तक ओपीडी रहती है। इस समस्या को देखते हुए जनरल OPD को अलग जगह शिफ्ट करने की मांग चल रही थी। विधायक के प्रयासों के बाद अब इसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
ओपीडी को वेलनेस सेंटर में बदलने का भी प्रयास
विधायक अजय सोलंकी ने बताया कि इस ओपीडी को शहरी वेलनेस सेंटर में बदलने का भी प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए जल्द ही बजट की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां लैब टेक्नीशियन भी नियुक्त होंगे, जिससे रूटीन टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके अलावा डॉग बाइट जैसे मामलों के लिए प्रीवेंटिव मेडिसिन और इंजेक्शन भी दिए जाएंगे।
ओपीडी में हेल्थ एजुकेटर भी रखे जाएंगे
उधर, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस.एस. डोगरा ने माना कि नाहन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में जगह की कमी के कारण मरीजों को घंटों लाइनों में इंतजार करना पड़ता है।
इस समस्या को लेकर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों ने विधायक अजय सोलंकी से समाधान की मांग की थी। इसे जल्द पुराने भवन में शिफ्ट किया जाएगा। इस ओपीडी में हेल्थ एजुकेटर भी रखे जाएंगे, जिनका काम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना होगा।
दिल्ली गेट से पहुंचना इसलिए आसान
जिले के किसी भी हिस्से से कोई मरीज अपने इलाज के लिए नाहन पहुंचता है तो दिल्ली गेट ही ऐसा स्टेशन है, जहां लोग बसों से उतरते हैं। यहां से मेडिकल कॉलेज पहुंचने के लिए एक किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ता है।
जबकि, पीजी कॉलेज का पुराना भवन यहां से महज 300 मीटर दूर चौगान मैदान के बिल्कुल सामने है। ऐसे में सामान्य रोग के उपचार करने पहुंचने वाले मरीजों को मेडिकल कॉलेज का रास्ता तय नहीं करना पड़ेगा। वहीं, पर्ची बनाने के लिए मेडिकल कालेज की भीड़ के बीच नहीं लगना होगा। यहां अलग से पर्ची काउंटर भी होगा।
सबसे अहम बात ये है कि पुराने पीजी कॉलेज का ये स्थान खुला और हवादार है। मरीजों को बैठने के लिए यहां पर्याप्त स्थान है। ऐसे में यहां उपचार कराना मरीजों के लिए आसान होगा। गंभीर मरीजों को प्राथमिक जांच के बाद मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाएगा। वहीं मेडिकल कॉलेज की ओपीडी के बाहर से भीड़ भी खत्म हो जाएगी।