विमल नेगी मौत मामला : तपा विधानसभा सदन, विपक्ष ने किया वाॅकआउट

0

शिमला : हिमाचल प्रदेश पावर काॅर्पोरेशन (एचपीपीसीएल) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत के मामले में वीरवार को प्रदेश विधानसभा में भारी हंगामा हुआ. इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की और वॉकआउट किया.

विपक्ष ने इस मुददे पर नियम-67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने नामंजूर कर दिया, जिस पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. विपक्ष ने मुख्यमंत्री के सदन में दिए बयान पर हैरानी जताई और कहा कि आखिर सरकार सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाना चाहती.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान विमल नेगी की मौत का मामला उठाते हुए कहा कि सरकार को इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस सारे मामले में कई गंभीर सवाल खड़े हुए हैं और पावर काॅर्पोरेशन की कार्यप्रणाली पहले दिन से ही विवादों के घेरे में है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी की मौत पर कई सारे सवाल हैं. इसलिए विपक्ष ने सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस विषय पर कुछ भी कहने से मना कर दिया. सरकार के चार मंत्री धरना स्थल पर पहुंचे और परिजनों पर धरना खत्म करने का दबाव बनाया गया. एफआईआर में एक ही अधिकारी का नाम है जबकि दूसरे अधिकारी को बचाने के लिए केवल पोस्ट का नाम ही एफआईआर में मेंशन किया गया है.

सीबीआई की जांच को लेकर सरकार स्पष्ट नहीं कर रही है और क्यों सरकार ने चार लोगों को दरकिनार कर देशराज को डायरेक्टर बनाया. यह प्रश्न परिवार और एचपीपीसीएल के कर्मचारी उठा रहे हैं, जिसके लिए निष्पक्ष जांच की मांग हो रही है. एचपीपीसीएल की कार्यप्रणाली पिछले लंबे समय से विवादों में रही है. इसलिए इस सारे मामले पर सीबीआई जांच होनी चाहिए. एक ईमानदार अधिकारी को क्यों प्रताड़ित किया जा रहा था, इसका जवाब सरकार को देना होगा.