नाहन : शिक्षा बोर्ड की कथित लापरवाही के खिलाफ एबीवीपी ने विद्यार्थियों के हित में निर्णायक संघर्ष का एलान कर दिया है। प्रदेश सहमंत्री मनीष बिरसांटा ने जारी बयान में कहा कि 17 मई को एक छात्रा ने गलत परिणाम आने पर आत्महत्या का प्रयास किया। वहीं, 22 मई को छात्रा पास घोषित की गई, जो शिक्षा बोर्ड की लापरवाही और संवेदनहीनता को दर्शाता है।
एबीवीपी इसकी स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग करती है, ताकि दोषियों को सजा मिले। साथ ही जिन कर्मचारियों अथवा अधिकारियों की वजह से यह हुआ, उन पर तत्काल प्रशासनिक व कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
पुनर्मूल्यांकन और पुनः जांच की फीस दोगुनी कर दी गई है। पुनर्मूल्यांकन फीस 400 से 800 और पुनः जांच 500 से 1000 रुपये की गई है, जबकि एसओएस छात्रों से 3 हजार रुपये तक की वसूली की जा रही है। यह छात्रों पर आर्थिक अत्याचार है, जिसकी एबीवीपी तत्काल वापसी की मांग करती है।
उन्होंने कहा कि जिन छात्रों के परिणाम संदिग्ध हैं, उनकी उत्तरपुस्तिकाओं की पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जाए। उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने शिक्षा बोर्ड को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। यदि इस अवधि में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश में जनांदोलन छेड़ेगी।