नाहन : हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष रणवीर ठाकुर के नेतृत्व में बोर्ड के मामलों को लेकर गठित कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष व तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी से मुलाकात की।
इस दौरान संघ ने मंत्री के समक्ष फील्ड और तकनीकी कर्मचारियों से जुड़े महत्वपूर्ण विषय को उठाया, जिसमें नॉन आई.टी.आई. टी-मेट, ए.एल.एम, हेल्पर सब-स्टेशन, हैल्पर इलेक्ट्रिकल और हैल्पर हाईड्रो/मैकेनिक शामिल हैं।
ये कर्मचारी चंबा, मंडी, कुल्लू, शिमला आदि जिलों के संचालन और उत्पादन विंग के दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत हैं, लेकिन लंबे समय से पदोन्नति के लाभ से वंचित हैं।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2023 में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में हुए बदलाव के कारण इन जिलों में कार्यरत योग्य कर्मचारियों की पदोन्नति अब तक लंबित है।
वहीं, अन्य जिलों में कार्यरत उन्हीं के कनिष्ठ कर्मचारी पदोन्नति का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। नियमों में संशोधन के उपरांत इनकी पदोन्नतियों पर विपरीत असर पड़ा है, जिससे कर्मचारियों में गहरा रोष है।
संघ ने सरकार और बोर्ड प्रबंधन के समक्ष इस विषय को कई बार उठाया है। उन्होंने हैरानी जताई कि ये कर्मचारी एक तरफ पदोन्नति के लाभ से वंचित हैं तो वहीं दूसरी तरफ अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर बर्फीले इलाकों में लंबे समय से सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होंने प्राकृतिक आपदा के दौरान इन कर्मचारियों के योगदान की सराहना की, जिन्होंने दिन-रात एक करके विद्युत आपूर्ति बहाल की।
कुछ कर्मचारियों ने तो हिमाचल प्रदेश में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी अपना योगदान दिया है। विपरीत परिस्थितियों में भी इन कर्मचारियों ने अपने कंधों पर पोल और ट्रांसफार्मर उठाकर प्रदेशभर में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की है।
इसके बावजूद उनका पदोन्नति से वंचित रहना उनके मनोबल को गिराता है। संघ ने मंत्री से आग्रह किया कि इस विषय में कोई उपयुक्त हल निकालकर इन वंचित कर्मचारियों को भी पदोन्नति का लाभ दिया जाए। इस मौके पर नाहन के विधायक अजय सोलंकी भी मौजूद रहे।





