वाराणसी : हिमाचल प्रदेश के सोलन, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के 27 युवाओं ने 1 से 5 मार्च तक वाराणसी में आयोजित 5 दिवसीय अंतरराज्यीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में भाग लिया. इस कार्यक्रम में सिरमौर जिले से नेहरू युवा केंद्र नाहन की 5 सदस्यीय टीम ने विशेष योगदान दिया, जिसका नेतृत्व पुनीत शर्मा ने किया.
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इस दौरान युवाओं ने वाराणसी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण किया. समापन समारोह बुद्धा मेडिटेशन सेंटर, सारनाथ में हुआ. इस दौरान मुख्य अतिथि सुरेंद्र नाथ पाल ने कहा, “भारत की युवा आबादी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना हमारे युवाओं की सकारात्मक सोच से ही पूरा होगा.”
कार्यक्रम में उपस्थित यूपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने वाराणसी की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित किया और युवाओं को भारतीय संस्कृति के महत्व को समझने की सलाह दी. उन्होंने कहा, “वाराणसी, जिसे हम काशी भी कहते हैं. ज्ञान और उजाले का प्रतीक है. यहां की सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास इसे एक अनमोल धरोहर बनाते हैं.”
कार्यक्रम में भाग लेने वाले युवाओं ने शिविर के दौरान अपने अनुभव साझा किए. यूपी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. सुधीर कुमार राय ने भी अपने विचार रखे. शिविर के दौरान बेहतर प्रदर्शन के लिए युवाओं को सम्मानित किया गया. इनमें सिरमौर के अनुराग वर्मा (प्रथम पुरस्कार), मंडी की शबनम (द्वितीय पुरस्कार), सिरमौर के अमित कुमार (स्वच्छता) और प्रखर वक्ताओं के रूप में रोहित शर्मा, अनुपम शर्मा और आंचल ठाकुर शामिल रहे.
प्रश्नोत्तरी में सिरमौर के प्रकाश और अखबार प्रकाशन में भावना को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में अनुशासन, भाषण, सफाई अभियान, योग, भ्रमण, हिमाचली सांस्कृतिक कार्यक्रम और समाचार लेखन प्रतियोगिता जैसी गतिविधियां आयोजित की गई. भ्रमण के दौरान युवाओं ने काशी विश्वनाथ, चौरासी घाट और गंगा जी के दर्शन किए, जो उनके लिए अविस्मरणीय अनुभव रहे.
इसके अलावा युवाओं ने सारनाथ स्थित वृद्धाश्रम का दौरा किया और वहां के बुजुर्गों से बातचीत की. यह अनुभव सभी के लिए दिल को छूने वाला था और युवाओं के बीच अपनत्व की भावना उत्पन्न हुई.
कार्यक्रम के समापन पर वाराणसी के जिला युवा अधिकारी प्रतीक साहू ने धन्यवाद ज्ञापन किया और शिविर के अनुभवों को साझा किया. इस आयोजन में 84 वर्षीय अंगद सिंह यादव सभी युवाओं का ज्ञानवर्धन किया. इस आयोजन को सफल बनाने में राकेश यादव, देवेंद्र, रिंकेश, सुरेश और अन्य ने अहम भूमिका निभाई.
इस कार्यक्रम से युवाओं को एक-दूसरे से जुड़ने, राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर को समझने और सीखने का एक अनमोल अवसर मिला. सभी युवाओं ने भविष्य में इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की अपील की और नेहरू युवा केंद्र का आभार व्यक्त किया.