मंडी : नशाखोरी को रोकने के उद्देश्य से तंबाकू के प्रयोग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदेश व्यापी अभियान के अंतर्गत मंडी जिला में 9 अक्तूबर से 8 दिसंबर तक तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0 चलाया गया।
अभियान के अंतर्गत जिले के कुल 2793 शिक्षण संस्थानों में से 1602 शिक्षण संस्थानों का समिति द्वारा मूल्यांकन किया गया, जिनमें से 1041 शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित किया गया। उल्लेखनीय है कि अभियान की शुरुआत में मंडी जिला में लगभग 400 शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जबकि इसके मुकाबले कहीं अधिक शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित किया गया।
अभियान के दौरान जिले भर में 1093 रैलियां आयोजित की गईं, जबकि 1315 वाद-विवाद, नारा लेखन, चित्रकला और क्विज प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों और युवाओं को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया गया। इस अवधि में बगस्याड चिकित्सा खंड में 43, बलद्वाड़ा में 32, जंजैहली में 101, करसोग में 180, कटौला में 37, कोटली में 112, लड़भड़ोल में 23, पधर में 140, रत्ती में 120, रोहांडा में 200 और संधोल में 53 शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित किया गया।
अभियान के अंतर्गत 58 गांवों को तंबाकू मुक्त घोषित किया गया। कुल 70 गांवों ने तंबाकू मुक्त बनने का प्रस्ताव दिया था, जिनमें से निर्धारित सभी मानक पूरे करने वाले 58 गांवों को तंबाकू मुक्त घोषित किया गया। इसके अतिरिक्त 205 पंचायतों के 1295 गांवों में विलेज लेवल को-ऑर्डिनेशन कमेटियों का गठन किया गया और 360 गांवों में विभिन्न जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गईं। इस दौरान 112 युवाओं को तंबाकू विरोधी एंबेसडर के रूप में भी नामित किया गया।
2 माह तक चले इस राष्ट्रीय अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं को तंबाकू सेवन से रोकना, तंबाकू छोड़ने की इच्छा रखने वालों को सहयोग प्रदान करना और शिक्षण संस्थानों में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना रहा। इस अभियान में स्कूलों के प्रधानाचार्यों और अध्यापकों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
तंबाकू सेवन कई गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग और क्षय रोग का प्रमुख कारण है। भारत में तंबाकू से हर वर्ष लगभग 13.5 लाख लोगों की मृत्यु होती है। बच्चों और युवाओं को इस अभियान से विशेष रूप से जोड़ा गया, ताकि उन्हें तंबाकू सेवन की शुरुआत से ही रोका जा सके, क्योंकि यही आगे चलकर अन्य नशों का कारण बनता है।
अभियान के दौरान 29 प्रवर्तन ड्राइव चलाई गईं। कोटपा अधिनियम 2003 के अंतर्गत 2649 चालान किए गए और 2,71,000 रुपये जुर्माने के रूप में वसूले गए। इनमें खुली सिगरेट बेचने के 14 मामले, शिक्षण संस्थानों के 100 यार्ड के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री से संबंधित लगभग 10 मामले शामिल हैं। इस अवधि में शहरी निकायों में तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए लाइसेंस भी जारी किए गए।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अरिंदम रॉय ने बताया कि तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0 के तहत स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय समुदाय के समन्वय से जिले में व्यापक स्तर पर जागरूकता और प्रवर्तन गतिविधियां संचालित की गईं। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से बच्चों और युवाओं में तंबाकू के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हुआ है और भविष्य में भी तंबाकू नियंत्रण से जुड़े प्रयास निरंतर जारी रखे जाएंगे।
डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने अभियान की सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि विभिन्न विभागों, शिक्षण संस्थानों, पंचायत प्रतिनिधियों और युवाओं की सामूहिक भागीदारी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि तंबाकू मुक्त समाज की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है और जिले में इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जाते रहेंगे।





