नाहन : करीब 5 वर्ष से प्रदेश में शारीरिक शिक्षकों की भर्ती और पदोन्नति न होने से शारीरिक शिक्षक संघ खासा नाराज है। संघ का मानना है कि यदि स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की भर्ती ही नहीं होगी तो कैसे बच्चों का भविष्य खेलों में बनेगा।
इसका सीधा असर प्रदेश के हजारों बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है। स्कूलों में शारीरिक शिक्षा का विषय होते हुए भी बिना शिक्षक के बच्चे न केवल पढ़ाई से महरूम हो रहे हैं, बल्कि खेलों में भी हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं।
इस मसले पर शारीरिक शिक्षक संघ जिला सिरमौर के पदाधिकारी नाहन में विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंप शारीरिक शिक्षकों की भर्ती और पदोन्नति की मांग उठाई।
संघ के जिला मीडिया प्रभारी नरेश शर्मा, सदस्य संजीव राणा, हरबंस सिंह और विनोद ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी वर्गों के शिक्षकों की भर्ती और पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करना एक सराहनीय कदम है, लेकिन इस पहल में शारीरिक शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
संघ ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को जल्द शारीरिक शिक्षकों की भर्ती और पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 200 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं और 400 से अधिक स्कूलों में डी.पी.ई. के पद ही स्वीकृत नहीं हैं।
कुल मिलाकर 600 से अधिक स्कूलों में शारीरिक शिक्षक नहीं हैं। यह स्थिति न सिर्फ छात्रों को शारीरिक शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय से वंचित कर रही है, बल्कि प्रदेश में एक स्वस्थ और खेल-प्रेमी युवा पीढ़ी तैयार करने के लक्ष्य में भी बाधा बन रही है।
संघ ने इस बात पर भी जोर दिया कि नई शिक्षा नीति 2020 हर विद्यालय में एक शारीरिक शिक्षक होने को अनिवार्य बताती है, ताकि बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें नशे से दूर रखा जा सके।
अगर स्कूलों में शारीरिक शिक्षक नहीं होंगे, तो बच्चे खेल प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कैसे होंगे? ये बड़ा सवाल है। लिहाजा, रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए, ताकि बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहने के साथ खेलों में भी प्रदेश का नाम रोशन कर सकें।